मोहम्मद युसुफ वल्द साहिब दीन (जाति बकरवाल), हाल मुकाम रसना, तहसील हीरानगर, ज़िला कठुआ ने
हीरानगर थाने में रिपोर्ट लिखवाई कि उसकी बेटी नाम कुमारी अ.ब.स (लड़की का नाम), उम्र 8 साल लगभग 12.30 बजे पास के जंगल में
घोड़ों को चराने ले गई थी और 10.01.2018
को लगभग 2 बजे वह घोड़ों के साथ देखी गई। उसी दिन
घोड़े डेरे पर लौट आए लेकिन अ.ब.स नहीं लौटी। इस पर शिकायतकर्ता ने दूसरे लोगों के
साथ जंगल में खोजबीन शुरू कर दी लेकिन अ.ब.स नहीं मिल सकी। उसने आगे आरोप
लगाया कि संभव है कुछ बदमाशों ने उसकी बेटी का अपहरण कर लिया हो। इस आधार पर FIR No 10/2018 U/S 363 RPC थाना हीरानगर में दर्ज़ की गई और जाँच शुरू हुई।
जाँच की प्रक्रिया में जाँच अधिकारियों ने
गुमशुदा लड़की को विलेज डेवलपमेंट कमेटी के सदस्यों और क्षेत्र के सम्मानित लोगों
की मदद से ढूँढना शुरू किया लेकिन पीड़िता का कोई सुराग नहीं मिला। इसी क्रम में 17.01.2018 को जगदीश राज वल्द देसू हाल मुकाम दुगाम बानी की सूचना पर पीड़िता की
लाश बरामद की गई जो पास के जंगल मे अपने खोये हुए घोड़े ढूंढ रहा था। मृतका की लाश
चीर-फाड़ के लिए हिरासत मे ले ली गई। मृतका का पोस्ट-मार्टम उसी दिन कठुआ के ज़िला
हस्पताल में 2.30 बजे दिन में हुआ। हीरानगर पुलिस चौकी द्वारा जाँच
के दौरान एक व्यक्ति शुभम संगरा वल्द ओम प्रकाश हाल मुकाम हीरानगर को पूछताछ के
लिए हीरानगर थाने मे लाया गया जो अपने मामा सांझी राम के साथ रसना गाँव में रह रहा
था। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसका पिता छगराल के हायर सेकंडरी स्कूल
मे चपरासी है और माँ घरेलू महिला।
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उसने आगे बताया कि वह शराब, सिगरेट, गुटका तथा अन्य
नशीले पदार्थों के सेवन का आदी था और उसे मॉडर्न पब्लिक स्कूल, हीरानगर से अपने
स्कूल की लड़कियों से बुरे व्यवहार के चलते स्कूल से निकाल दिया गया था। उसके
व्यवहार से तंग आकर उसके परिवार ने उसे तीन महीने पहले मामा के घर भेज दिया था
जहाँ वह जानवरों के लिए चारा वगैरह लाने पास के जंगल में जाया करता था। जंगल
में वह एक बकरवाल लड़की से 7-8 बार मिला था और अधिकतर वह अपने घोड़ों के बारे मे
पूछा करती थी जिन्हें वह चराने ले जाती। 10-01-2018 को, वही बकरवाल लड़की उसे
जंगल में एक बाहरी बालिश पेड़ के पास मिली थी और उसने उस लड़की को साथ आने के लिए यह
आश्वासन देते हुए कहा कि वह उसके घोड़ों को ढूँढने मे मदद करेगा। साढ़े छह बजे के
आसपास वह उसे अपने मामा के एक शेड में ले गया जहाँ पशु बांधे जाते थे और उसका मुँह
एक रूमाल से तथा हाथ वहाँ पड़ी एक रस्सी से बाँध दिया।
उसने आगे बताया कि उसने लड़की के पाजामे से नाड़ा
निकालकर उसके पाँव बाँध दिये। उसके बाद उसने शेड का दरवाज़ा बंद कर दिया और अपने घर
चला गया। एक घंटे बाद वह उसके लिए चोरी से कुछ खाना लाया और रूमाल खोलकर खाना
खिलाया। फिर उसने उसी रूमाल से उसे बाँध दिया, फिर से दरवाज़ा लॉक किया और घर चला गया। वह
16-01-2018 तक यही करता रहा। 16-01-2018
को लगभग 6:30 बजे वह उसी शेड मे पहुँचा और लड़की को खोल
दिया। उसके बाद उसने उसका पाजामा एक रस्सी से बाँध दिया और कहा कि वह उसे उसके घर
छोड़ देगा। वह उसे उसी रास्ते से ले गया जिससे शेड में लाया और रास्ते मे उसका
बलात्कार करने की कोशिश की। उस लड़की ने धमकी दी कि वह सारी घटना अपने
घरवालों को बता देगी। इस डर से कि इलाक़े के बकरवाल उसे मार डालेंगे उसने उसकी चुन्नी
से गला घोटने की कोशिश की। उसके मुँह से थूक के साथ खून आने लगा और उसके बाद वह
उसे उठाकर एक दूसरी जगह ले गया और उसे ज़मीन पर पटक कर उसके सर पर दो बार पत्थर से
मारा।
इसके बाद उसने दस मिनट इंतज़ार किया और फिर घर चला
गया। अगले दिन उसने उसके पाजामे का नाड़ा और रूमाल उसी शेड में जला दिया। पुलिस
थाने हीरानगर की जाँच में यह भी सामने आया कि वह देर रात छिपकर उसे शौच आदि के लिए
भी पास के खेतों में ले जाता था और हैंडपंप से अपने हाथों से उसके निजी अंगों को
धुलता था। उसने यह भी बताया कि वह उसे मिल्की वे ब्रांड की टॉफी भी देता था। उसने
यह भी बताया कि उस लड़की को बंधक बनाए रखने के समय में उसने बलात्कार करने की कोई
कोशिश नहीं की। इसी आधार पर आरोपी वल्द ओम प्रकाश संगरा हाल मुकाम वार्ड
नंबर 10, हीरानगर को पुलिस स्टेशन हीरानगर द्वारा इस मामले में दिनांक 19.01.2018 को गिरफ़्तार कर लिया गया। उसके बयान के आधार पर लगभग 1 किलो का एक पत्थर
बरामद किया गया जिससे मृतका को मारा गया था और ज़ब्त कर लिया गया। इसी क्रम में उसे
कठुआ के चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट महोदय के सामने पेश किया गया जिन्होने उसे बाल
सुधार गृह भेजने का आदेश दिया।
पढे : मीडिया की धर्मधारित रिपोर्टींग
इसी क्रम में, PHQ Order No 374 of 2018 दिनांक 22-01-2018 के क्रम में इस केस को क्राइम ब्रांच को सौंपा गया और जम्मू कश्मीर क्राइम ब्रांच हेडक्वार्टर के इंडोरस्मेंट क्रमांक CHQ/FIR/10/18-Hiranagar1083-92 दिनांक 23-01-2018 के अनुसार क्राइम ब्रांच ने श्री नवीद पीरज़ादा, ए एस पी क्राइम ब्रांच के नेतृत्व में आगे की जाँच के लिए अधिकारियों/कर्मचारियों की एक टीम गठित की। हालाँकि केस डायरी आधिकारिक तौर पर जम्मू क्राइम ब्रांच को सांबा के एस पी तथा जम्मू आई जी द्वारा पहले गठित एस आई टी के प्रमुख श्री आदिल गनाई द्वारा व्यक्तिगत रूप से 27-01-2018 को क्राइम ब्रांच जम्मू में शाम 7.00 बजे सौंपी गई।
इसी क्रम में, PHQ Order No 374 of 2018 दिनांक 22-01-2018 के क्रम में इस केस को क्राइम ब्रांच को सौंपा गया और जम्मू कश्मीर क्राइम ब्रांच हेडक्वार्टर के इंडोरस्मेंट क्रमांक CHQ/FIR/10/18-Hiranagar1083-92 दिनांक 23-01-2018 के अनुसार क्राइम ब्रांच ने श्री नवीद पीरज़ादा, ए एस पी क्राइम ब्रांच के नेतृत्व में आगे की जाँच के लिए अधिकारियों/कर्मचारियों की एक टीम गठित की। हालाँकि केस डायरी आधिकारिक तौर पर जम्मू क्राइम ब्रांच को सांबा के एस पी तथा जम्मू आई जी द्वारा पहले गठित एस आई टी के प्रमुख श्री आदिल गनाई द्वारा व्यक्तिगत रूप से 27-01-2018 को क्राइम ब्रांच जम्मू में शाम 7.00 बजे सौंपी गई।
क्राइम ब्रांच द्वारा जाँच के क्रम में माननीय सी
जे एम से शुभम सांगरा की पूछताछ के लिए कस्टडी की मांग की गई। नाबालिग की जाँच एक
सामाजिक कार्यकर्ता तथा उसके पिता की उपस्थिति में की गई। नाबालिग तथा अन्य
आरोपी, जो गिरफ्तार किया गया तथा हिरासत में जिससे पूछताछ कराई गई, द्वारा उपलब्ध कराई
जानकारी और जाँच के दौरान इकट्ठा किए गए सबूतों से यह सामने आया कि जनवरी
के पहले हफ्ते मे किसी समय आरोपी सांझी राम ने बकरवाल समुदाय को रसना गाँव से
निकालने की योजना के कार्यान्वयन के बारे में तय किया जो उसके दिमाग मे काफी समय
से चल रही थी और इसके लिए उसने
पुलिस विभाग के एस पी ओ दीपक खजूरिया और नाबालिग आरोपी को इस षड्यंत्र का हिस्सा
बनाया और उन्हें अलग-अलग तथा व्यक्तिगत रूप से काम सौंपा।
इस षड्यंत्र के क्रम में दीपक अपने दोस्त विक्रम
के साथ कोटा मोड के बिट्टू मेडिकल शॉप पर 7 जनवरी 2018 की शाम गया और अपने मामा कमल का, जो दिमागी बीमारियों
से जूझ रहे हैं, और जिनका इलाज़ कठुआ के डॉ मुकुल के यहाँ चल रहा
है, पर्चा दिखा कर एप्टिरिल 0.5
मिलीग्राम का एक पत्ता ख़रीदा जिसमें 10 गोलियां थीं।
हालाँकि प्रेसक्रिप्शन के अनुसार दवा उपलब्ध नहीं थी लेकिन बिट्टू ने उसे
प्रेसक्रिप्शन मे लिखी दवा की जगह Epitril
0.05 दी। 4 जनवरी, 2018 को आरोपी सांझी राम
ने, जो नाबालिग आरोपी का मामा है, नाबालिग आरोपी को बकरवालों के खिलाफ़
भड़काया और हाल में हुई पिटाई का बदला लेने को कहा।
7 जनवरी, 2018 को सांजी राम ने
नाबालिग आरोपी को अ.ब.स वल्द क.ख.ग (पिता का नाम) नाम की बकरवाल लड़की का अपहरण
करने को कहा जो अक्सर सांझी राम के घर के पीछे के जंगल मे घोड़ों को चराने लाती थी।
जाँच से पता चला कि 8 जनवरी 2018 को जब नाबालिग आरोपी खेत मे कम कर रहा था
दूसरे आरोपी दीपक खजूरिया ने उसे ट्यूब वेल के पास बुलाया और सिगरेट देकर लालच दी
कि अगर वह क.ख.ग की लड़की का अपहरण कर लेगा तो वह परीक्षा पास कराने में (नक़ल
कराके) उसकी मदद करेगा। इसके बाद नाबालिग आरोपी ने सांझी राम तथा दीपक
खजूरिया द्वारा बनाई गई पूरी योजना अपने दोस्त प्रवेश कुमार उर्फ़ मन्नू को बताई और
इस योजना के कार्यान्वयन में मदद मांगी। जाँच से आगे पता चला कि सांझीराम ने
नाबालिग आरोपी को को अपहरण की योजना पूरी करने तथा उसके बाद लड़की को कोई नशीला
पदार्थ खिलाकर देवीस्थान पर बंद करने के निर्देश दिये थे। 9 जनवरी, 2018 को नाबालिग आरोपी
दूसरे आरोपी प्रवेश कुमार के साथ हीरानगर गया और हीरानगर ऑटो स्टैंड के पास रामपाल
की दुकान से 4 मनार (नशीला पदार्थ) ख़रीदा जिसमें से एक खुद खाया
और और बाक़ी 3 जेब मे रखकर रसना लौट आया।
पढे : गुजरात फाईल्स पर राणा अयूब को कोई
चैलेंज क्यूँ नही करता?
10 जनवरी, 2018 को नाबालिग आरोपी ने अपने मामू (आरोपी सांझीराम) के छत से उस लड़की की आवाज़ सुनी जो वीणा देवी नाम की महिला से अपने घोड़ों के बारे में पूछ रही थी। वह तुरंत सीढ़ियों से उतरा देवीस्थान की चाभी और 3 मनार लिए और उस लड़की से कहा कि उसने उसके घोड़े देखे हैं । वह उसे जंगल की ओर ले गया और आरोपी प्रवेश कुमार उर्फ़ मन्नू को भी बुला लिया जो उसके इशारे के इंतज़ार में था। कुछ खतरा भांप कर पीड़िता ने भागने की कोशिश की। नाबालिग आरोपी ने उसे गर्दन से पकड़ा और उसका मुँह दूसरे हाथ से ढँक कर उसे धक्का दे दिया और वह ज़मीन पर गिर पड़ी। आरोपी मन्नू ने उसके पाँव पकड़ लिए और नाबालिग आरोपी ने एक एक करके तीनों मनार उसे दे दिये। पीड़िता बेहोश हो गई और नाबालिग आरोपी ने उसका बलात्कार किया। उसके बाद मन्नू ने भी बलात्कार करने की कोशिश की लेकिन वह कर नहीं पाया। उसके बाद वे लड़की को ले गए और देवीस्थान में टेबल के नीचे दो चटाइयों के ऊपर रखा तथा उसको दो दरियों से ढँक दिया।
10 जनवरी, 2018 को नाबालिग आरोपी ने अपने मामू (आरोपी सांझीराम) के छत से उस लड़की की आवाज़ सुनी जो वीणा देवी नाम की महिला से अपने घोड़ों के बारे में पूछ रही थी। वह तुरंत सीढ़ियों से उतरा देवीस्थान की चाभी और 3 मनार लिए और उस लड़की से कहा कि उसने उसके घोड़े देखे हैं । वह उसे जंगल की ओर ले गया और आरोपी प्रवेश कुमार उर्फ़ मन्नू को भी बुला लिया जो उसके इशारे के इंतज़ार में था। कुछ खतरा भांप कर पीड़िता ने भागने की कोशिश की। नाबालिग आरोपी ने उसे गर्दन से पकड़ा और उसका मुँह दूसरे हाथ से ढँक कर उसे धक्का दे दिया और वह ज़मीन पर गिर पड़ी। आरोपी मन्नू ने उसके पाँव पकड़ लिए और नाबालिग आरोपी ने एक एक करके तीनों मनार उसे दे दिये। पीड़िता बेहोश हो गई और नाबालिग आरोपी ने उसका बलात्कार किया। उसके बाद मन्नू ने भी बलात्कार करने की कोशिश की लेकिन वह कर नहीं पाया। उसके बाद वे लड़की को ले गए और देवीस्थान में टेबल के नीचे दो चटाइयों के ऊपर रखा तथा उसको दो दरियों से ढँक दिया।
उसके बाद दोनों, नाबालिग आरोपी और आरोपी मन्नू ने
देवीस्थान को लॉक कर दिया और चले गए। अगले दिन, अ.ब.स के माता-पिता देवीस्थान गए और आरोपी
सांझीराम से अपनी गुमशुदा बेटी के बारे में पूछा और जवाब में आरोपी सांझीराम ने
उनसे कहा कि वह लौट आएगी हो सकता है वह अपने किसी रिश्तेदार के घर गई हो। 12 बजे दोपहर के आसपास
आरोपी दीपक खजूरिया सांझी राम के घर के पास आया और नाबालिग आरोपी को इशारा किया
जिसने देवीस्थान की चाभी ली और दोनों योजना के अनुसार देवीस्थान चले गए। दोनों
देवीस्थान पहुँचे, ताला खोला और आरोपी दीपक खजूरिया ने नाबालिग
आरोपी को पास के टेप से पानी लाने को कहा।
उसके बाद आरोपी दीपक खजूरिया उर्फ़ दीपू ने नशीली
दवा की दस गोलियों वाली स्ट्रिप निकाली। नाबालिग आरोपी ने लड़की का सर उठाया
और आरोपी दीपक खजूरिया ने उसके मुँह मे दो गोलियाँ डालकर उसे पानी पिलाया और अपनी
अंगुलियों से उसकी गरदन सहलाई। उसके बाद आरोपी दीपक खजूरिया देवीस्थान से चला गया
और नाबालिग आरोपी ने दरवाज़ा बंद कर दिया तथा दावा की स्ट्रिप घास के ढेर मे छिपा
दी। शाम को लगभग बजे नाबालिग आरोपी दिया बत्ती करने देवीस्थान गया और लड़की
को दुबारा देखा तथा उसे बेहोश पाया। उसके बाद 11 जनवरी को नाबालिग आरोपी ने एक और आरोपी
विशाल जंगोतरा उर्फ़ शम्मा को टेलीफोन द्वारा अपहरण के बारे में बताया और कहा कि
अगर वह भी अपनी हवस मिटाना चाहता है तो मेरठ से लौट आए।
12 जनवरी 2018 को आरोपी विशाल
जंगोत्रा मेरठ से रसना लगभग 6 बजे सुबह पहुँचा और नाबालिग आरोपी ने विशाल को
लड़की के अपहरण और देवीस्थान मे रखे जाने के बारे मे विस्तार से बताया। साढ़े आठ बजे
के आसपास नाबालिग आरोपी फिर से देवस्थान गया और लड़की को 3 नशीली दवायें खिलाईं
जबकि वह खाली पेट और अचेत थी। उसी दिन बकरवालों के साथ पुलिस पार्टी ने गुमशुदा
लड़की की तलाश शुरू कर दी और आरोपी दीपक खजूरिया उर्फ़ दीपू आरोपी सांझी राम के साथ
एक दूसरे पुलिस अधिकारी इफ़्तिखार वानी के साथ पहुँचा। आरोपी दीपक खजूरिया ने पानी
मांगा और उसी बीच नाबालिग को पीड़िता को समय से सिडेटिव देना सुनिश्चित करने के
बारे मे कहा। जाँच के दौरान यह सामने आया कि आरोपी सांझी राम ने आरोपी पुलिस
कर्मचारियों को अपने भरोसे में ले लिया था और उन चीजों का ध्यान रखने को कहा था जो
षड्यंत्र योजना की सफलता सुनिश्चित करेंगी। तयशुदा डील के अनुसार आरोपी हेड
कॉन्स्टेबल तिलक राज, जो सर्च पार्टी के साथ ही था सांझी राम को गाय के
शेड में ले गया और इस केस के इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर एस आई आनंद दत्ता को उसे तथा
उसके मददगारों को अपहरण के संदर्भ में क़ानून के शिकंजे से बचाने के लिए और आगे कोई
जाँच न होने देना सुनिश्चित करने के लिए ज़रूरी भुगतान की बात दुहराई।
जाँच के दौरान यह भी पाया गया कि 12 जनवरी को शुभम की
माँ तृप्ता देवी रसना में आरोपी सांझी राम के घर पहुँची । यह पाया गया कि आरोपी
सांझी राम ने उन्हें नाबालिग आरोपी के लड़की के अपहरण तथा क़ैद में रखे जाने मे
शामिल होने की बात उसकी माँ को बताई। इसके बाद आरोपी सांझी राम ने अपनी बहन (अर्थात नाबालिग आरोपी की
माँ) को एक लिफाफा दिया जिसमें डेढ़ लाख रुपये थे और उसे आरोपी हेड कॉन्स्टेबल तिलक
राज को देने को कहा क्योंकि सांझी राम को कुछ काम था। जाँच में यह पाया
गया कि नाबालिग आरोपी की माँ आरोपी हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज की क़रीबी मित्र थी
क्योंकि दोनों दमियाल के प्राइमरी स्कूल मे सहपाठी रहे थे। यह पैसा तृप्ता देवी
द्वारा आरोपी तिलक राज को दे दिया गया।
जाँच के दौरान यह पाया गया कि 13 जनवरी को सुबह लगभग
साढ़े आठ बजे आरोपी विशाल जंगोत्रा और आरोपी सांझी राम देवीस्थान के लिए निकले जहाँ
नाबालिग आरोपी और सांझीराम ने पूजा पाठ किया। इसी बीच मन्नू भी देवीस्थान पहुँच
गया। आरोपी सांझीराम इसके बाद कुछ और पूजा पाठ के लिए मंदिर के पिछले दरवाज़े से
निकल गया और दीपक खजूरिया से मिला जो उसका इंतज़ार कर रहा था। आरोपी विशाल जंगोत्रा
ने अबस का बलात्कार किया। उसके बाद नाबालिग आरोपी ने भी मन्नू की उपस्थिति में
बलात्कार किया। जाँच मे यह भी पता चला कि बलात्कार करने के बाद नाबालिग आरोपी ने
विशाल जंगोत्रा और मन्नू को देवीस्थान छोड़ने के निर्देश दिये। नाबालिग आरोपी ने
फिर से स्ट्रिप से, जिसे उसने देवीस्थान के बाहर एक बिजली के खंभे के
पास कचरे के ढेर में छिपाया था, तीन गोलियां निकालीं और लड़की को खिला दीं तथा फिर
से उसे दरी से ढँककर उसके ऊपर बरतन डाल दिये ताकि किसी को पता न चले। बचे हुए दो
टेबलेट नाबालिग द्वारा बिजली के खंभे के पास कूड़े के ढेर के नीचे छिपा दिये गए।
जाँच के दौरान देवीस्थान के पास से दो टेबलेटों
वाली वह स्ट्रिप नाबालिग आरोपी की निशानदेही पर बरामद की गई। जाँच के दौरान यह
पाया गया कि शाम को रिश्तेदारों को लोहिड़ी बांटने के बाद आरोपी नाबालिग ने आरोपी
सांझीराम को बताया कि उसने और आरोपी विशाल जंगोत्रा ने लड़की अ.ब.स का देवीस्थान के
भीतर सामूहिक बलात्कार किया है। आरोपी सांझी राम ने नाबालिग आरोपी को उस समय यह
निर्देश दिया कि अब लड़की की हत्या करके आरोपियों द्वारा रचे गए आपराधिक षड्यंत्र
के अंतिम लक्ष्य को हासिल करने का समय आ गया है। सांझी
राम के निर्देश पर आरोपी मन्नू, विशाल
और नाबालिग आरोपी ने पीड़िता को देवीस्थान से हटाया और उसे देवीस्थान के सामने पास
मे ही स्थित एक पुलिया पर ले गए। इस बीच आरोपी दीपक भी वहाँ पहुँच गया। उस जगह पर
आरोपी दीपक खजूरिया ने नाबालिग आरोपी से इंतज़ार करने को कहा क्योंकि वह लड़की की
हत्या से पहले उससे बलात्कार करना चाहता था।
इस प्रकार वह छोटी बच्ची अ.ब.स एक बार फिर आरोपी
दीपक खजूरिया और नाबालिग आरोपी द्वारा सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई। नाबालिग
पीड़िता पर बलात्कार जैसा बर्बर कृत्य करने के बाद दीपक खजूरिया ने उसकी गर्दन अपनी
बाईं जांघ पर रखी और अपने हाथों से उसे मारने के लिए उसकी गर्दन दबाने लगा। जब
आरोपी दीपक खजूरिया उसे मारने मे नाक़ामयाब रहा दूसरे नाबालिग आरोपी ने अपनी कुहनी
उसकी पीठ मे लगाकर चुन्नी के दोनों सिरों से उसकी गरदन कस कर उसकी हत्या कर दी।
उसके बाद नाबालिग आरोपी ने उसकी मृत्यु सुनिश्चित करने के लिए उसके सर पर दो बार
पत्थर से प्रहार किया। षड्यंत्र के अनुसार लाश को हीरानगर ले जाकर नहर में
बहा देना था लेकिन सही समय पर गाड़ी का प्रबंध न हो पाने के कारण आरोपियों ने उसी
समय निपटारे तक लाश को देवीस्थान मे रखने का निश्चय किया और इसी के अनुसार चार
आरोपी नाबालिग, विशाल, दीपक और मन्नू ने लाश उठाई और उसे
देवीस्थान में रख दिया जबकि सांझीराम बाहर खड़ा होकर रखवाली करता रहा। उसके बाद सभी
आरोपी अपने घर चले । जाँच में यह भी सामने आया कि 15 जनवरी 2018 को आरोपी सांझी राम ने अपने लड़के आरोपी
विशाल जंगोत्रा और नाबालिग आरोपी को बताया कि किशोर ने कार लाने से मना कर दिया है
इसलिए लाश को नहर में नहीं फेंका जा सकता इसलिए उसे जंगल में फेंक दिया जाये
क्योंकि अगले दिन लोग देवीस्थान मे “फंदा” (भंडारे) में आएंगे जो वह ख़ुद आयोजित करने
वाला है।
जाँच के दौरान यह प्रकाश मे आया कि नाबालिग आरोपी
मन्नू के घर गया लेकिन वह घर पर नहीं था। इसलिए आरोपी नाबालिग और विशाल जंगोत्रा
ने यह काम बिना मन्नू के ही पूरा करने का तय किया। योजना के अनुसार नाबालिग आरोपी
आरोपी विशाल जंगोत्रा के साथ देवीस्थान गया। आरोपी विशाल जंगोत्रा ने दरवाज़ा खोला
जबकि नाबालिग आरोपी ने लाश अपने कंधे पर उठाई। आरोपी विशाल जंगोत्रा ने दरवाज़ा बंद
किया और नाबालिग आरोपी ने जंगल मे फेंककर लाश ठिकाने लगा दी जबकि आरोपी विशाल
जंगोत्रा झड़ियों के बाहर से पहरेदारी कर रहा था। लाश फेंकने के बाद आरोपी विशाल
विशाल जंगोत्रा और नाबालिग आरोपी घर लौट आए। 4 बजे के आसपास नाबालिग आरोपी शुब्बू
हीरानगर कोर्ट के पास समादिया गया जहाँ दूसरे ग्रामीण बच्चे खेल रहे थे और अपने
दोस्त अमित शर्मा वल्द नारायण शंकर हाल मुकाम वार्ड नंबर 10 हीरानगर से मिला और
उसे पीड़िता की हत्या के बारे में बताया। इस तथ्य का समर्थन अमित के दोस्तों ने
किया है। उसके बाद नाबालिग आरोपी विशाल के साथ घगवाल रेलवे स्टेशन गया जहाँ से
आरोपी विशाल मेरठ चला गया। उसी दौरान आरोपी तिलक राज को डेढ़ लाख रुपयों की एक और
क़िस्त आरोपी सांझी राम द्वारा उसके घर पर एस आई आनंद दत्ता के लिए दी गई।
जाँच से यह सामने आया है कि अगले दिन 17 जनवरी 2018 को अ.ब.स की लाश
जगदीश राज वल्द देसू हाल मुकाम दुगान बानी की सूचना पर बरामद की गई जिसने उसे अपनी
गुमशुदा भेड़ की तलाश करते हुए पास के जंगल में देखा था। मृतका की लाश पुलिस द्वारा
चीरफाड़ के लिए हिरासत मे ले ली गई। मृतका का पोस्ट मार्टम ज़िला हस्पताल कठुआ के
डाक्टरों की टीम द्वारा उसी दिन ढाई बजे किया गया। जाँच से पता चला कि आरोपी हेड
कॉन्स्टेबल तिलक राज जो पूरी योजना से परिचित था उसी दिन शाम को आरोपी सांझी राम
से मिला और उससे आरोपियों में से किसी एक को सौंप देने का आग्रह किया क्योंकि
मामला बकरवालों के व्यापक प्रदर्शन से नियंत्रण से बाहर जा रहा था। किसी आरोपी को
सौंपने की जगह सांझी राम ने आरोपी आनंद दत्त को तिलक राज के माध्यम से एक लाख रुपए
और दिये जिसे तिलक राम ने तुरंत स्वीकार कर लिया। जाँच से यह भी सामने आया कि अगले
दिन आरोपी नाबालिग को पकड़ा गया और पूछताछ के लिए थाने लाया गया।
आरोपी सांझी राम नाबालिग आरोपी के पास पुलिस
स्टेशन हीरानगर में गया और उससे अपने बेटे विशाल जंगोत्रा का नाम न ज़ाहिर करने का
निर्देश देते हुए कहा कि वह उसे जल्दी ही छुड़ा लेगा। यह पाया गया कि आरोपी एस आई
दत्ता ने नाबालिग आरोपी का रास्ता साफ करने के लिए उसे एक गादी को लड़की अ.ब.स की
हत्या मे फँसाने का निर्देश दिया जिसे पुलिस पूछताछ के लिए उठा लाई थी। गादी का
नाम लेने की जगह नाबालिग आरोपी ने एस एस पी कठुआ के सामने पीड़िता के अपहरण और हत्या
का आरोप स्वीकार कर लिया। जाँच के दौरान यह पाया गया कि
आरोपी एस आई दत्ता ने फिर से उसे अपने द्वारा सिखाई गई सारी बातें दुहराने और सारा
आरोप अपने सर ले लेने के लिए कहा।
जाँच के दौरान यह पाया गया कि 19 जनवरी 2018 को आरोपी एस आई
दत्ता अपने पीएसो के साथ नाबालिग आरोपी को जंगल में ले गए जहाँ से लाश बरामद हुई
थी और आरोपी एस आई दत्ता ने नाबालिग आरोपी को अपने हाथ में एक पत्थर लेने को कहा
और उसकी फ्प्तो खींची। उन्होने एक डिस्क्लोजर मेमो भी बनाया जिसमें दिखाया गया कि
नाबालिग आरोपी के खुलासे के बाद पत्थर बरामद कर लिया गया है। उसके बाद, वह नाबालिग को एक
गाय शेड मे भी ले गए और फिर उसका घास के शेड और मशीन रूम मे फोटो खींचा। उसके बाद
आरोपी एस आई दत्ता ने लकड़ी की राख़ के पास नाबालिग का फोटो खींचा।यह सब आरोपी दत्ता द्वारा अपनी बनाई हुई कहानी में सच्चाई के
तत्त्व जोड़ने के लिए और झूठे सबूत गढ़ने के लिए किया जा रहा था जिससे कि दूसरे
आरोपी क्रिमिनल आरोपों से बचाए जा सकें, जिसके
लिए उसे तयशुदा रकम पाँच लाख में से चार लाख रूपये आरोपी सांझी राम से मिल चुके
थे। जाँच के दौरान यह ज़ाहिर हुआ कि आरोपी सांझी राम
ने पहले से ही अच्छी ख़ासी रक़म का कैश में इंतजाम कर लिया था।
हालाँकि, पैसों के बारे में पूरी छानबीन अभी जारी
है। क्राइम ब्रांच द्वारा की गई जाँच के दौरान मौखिक, वैज्ञानिक
और दस्तावेज़ी प्रमाणों से यह साबित होता है कि पीड़िता को न तो गाय शेड मे बंधक बना
कर रखा गया था न ही उस जगह पर उसकी हत्या हुई थी जहाँ उसकी लाश पाई गई थी इस तरह
एस आई दत्ता द्वारा गढ़ी गई पूरी कहानी झूठी और सत्य से दूर साबित होती है। मौखिक और वैज्ञानिक, दोनों प्रमाणों के आधार पर यह जाँच स्थापित करती
है कि आरोपी एस आई दत्ता और तिलक राज ने एक आपराधिक षड्यंत्र के तहत और मुख्य
आरोपी सांझी राम ने मृतका द्वारा अपनी मौत के समय पहने गए कपड़ों को मिट्टी और खून
के दाग/वीर्य आदि को मिटाने के उद्देश्य से धुला गया और उसके बाद वही एफ एस एल को
एक्सपर्ट ओपिनियन के लिए भेजा गया। इसके अलावा आरोपी एस आई दत्ता ने गुमशुदा बच्ची
की तलाशी के समय जानबूझकर देवीस्थान की तलाशी नहीं ली। इस आरोपी ने जहाँ से मासूम
लड़की ग़ायब हुई थी और वीणा देवी नाम की गवाह द्वारा आख़िरी बार देखी गई थी उस इलाक़े
के अन्य संदेहास्पद इमारतों और घरों की तलाशी तक नहीं ली।
इसके अलावा ऐसे संवेदनशील मामले की जाँच के दौरान
इस आरोपी ने एक इन्वेस्टिगेशन अधिकारी के रूप में बहुत लापरवाही से
काम लिया और जानबूझकर आपराधिक चूकें कीं जिससे इस मामले के आरोपियों को अवांछित
लाभ पहुंचाया जा सके या छोड़ा जा सके। आरोपी ने केस की
जाँच करते समय मृतक लड़की का दुपट्टा,
हेयरबैंड और नेकलेस नहीं बरामद किए साथ ही
नाबालिग के अपराध स्वीकार करने के बाद भी उसके कपड़े बरामद नहीं किए जैसा कि आरोपी
द्वारा जाँच के दौरान तैयार किए गए सीज़र मेमो मे स्पष्ट है। पीड़िता का गला घोंटने
के लिए प्रयोग की गई चुन्नी बाद में हीरानगर पुलिस स्टेशन से क्राइम ब्रांच जम्मू
की एस आई टी द्वारा हेयर बैंड के साथ बरामद की गई। ये ज़रूरी सबूत इस आरोपी द्वारा
जानबूझकर आरोपियों को अवांछित लाभ पहुँचाने के लिए छोड़ दिये गए थे। मृतका द्वारा
पहना गया नेकलेस (जैसा कि पीड़िता की तसवीरों में देखा गया है) भी बरामद नहीं किया
गया और उन्हीं द्वारा नष्ट कर दिया गया, वह ढूंढा नहीं जा सकता और आरोपी यह नहीं
बता पाया कि क्यों ये सामान प्रमाण के हिस्से के रूप मे इस केस मे बरामद नहीं किए
गए। इसी तरह आरोपी एस आई आनंद दत्ता ने कठुआ के ज़िला हस्पताल में पीड़िता की पोस्ट
मार्टम करने वाले डाक्टरों के बोर्ड से पीड़िता के खून के सैंपल तक नहीं लिया। इन
तथ्यों, परिस्थितियों कॉल डिटेल्स, कनफेशनल स्टेटमेंट्स, पुलिस थाने हीरानगर
के कर्मचारियों के बयान, एफ एस एल रिपोर्ट और दूसरे सबूतों को ध्यान मे
रखते हुए आरोपी एस आई दत्ता और हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज को 201/RPC, r/w 343,376-D,302,120-B/RPC के तहत अपराधों मे दोषी पाया गया है।
जाँच के दौरान यह पाया गया कि सांझी राम वल्द देस राज हाल मुकाम
रसना रसना कूता और धामयाल क्षेत्र में बकरवालों के बसने के खिलाफ़ था और हमेशा
इलाक़े के अपने समुदाय के सदस्यों को चरने या किसी दूसरे उद्देश्य के लिए उन्हें
ज़मीन देने के खिलाफ़ भड़काता रहता था।एक हरनाम सिंह वल्द दरबारा सिंह हाल मुकाम कूता ने एक बकरवाल को ज़मीन
बेची थी और सांझी राम ने हरनाम सिंह के खिलाफ़ अभियान शुरू कर दिया था। उसने कूता
और रसना के पूर्व सरपंच को भी हरनाम सिंह के खिलाफ़ इस्तेमाल किया और इस बिना पर कि
वह राज्य की ज़मीन है हरनाम सिंह को उसके खेतों में लगे टेलीफोन के टावर्स की
क़िस्तों का भुगतान भी सम्बद्ध तहसीलदार के माध्यम से रुकवाने में कामयाब हो गया।
अन्ततः हरनाम सिंह ने माननीय उच्च न्यायालय की शरण ली और तहसीलदार का वह आदेश रद्द
कराने में सफल रहा।
उसने राशिद वल्द चांदीया बकरवाल की बकरियाँ भी
दिसम्बर 2017 में अपने घर के पास एक तालाब से पानी पिलाने पर
ज़ब्त कर ली थीं और बकरियों को छोड़ने के लिए उससे 1000 रूपये लिए थे। इसके अलावा उसने मोहम्मद
युसुफ बकरवाल से अपने घर के पास के चरागाह में जानवर चराने के लिए 1000 रूपये दंडस्वरूप लिए
थे। एच सी तिलक और एसपीओ दीपक खजूरिया भी बकरवालों के रसना, कूता
और धामयाल इलाक़े में बसने के खिलाफ़ थे जिन्होने पहले ही सांझी राम से बकरवालों को
उस इलाक़े से बाहर करने की रणनीति पर चर्चा की थी। वे बकरवालों पर किसी न किसी
बहाने आरोप लगाते थे और उन्हें धमकियाँ देते थे। आरोपी तिलक राज और दीपक खजूरिया
के ज़मीन पर कब्जे और फ़सल की बरबादी को लेकर बकरवालों से कुछ गंभीर मतभेद थे, चूँकि
वे उसी इलाक़े के बाशिंदे थे। इसके अलावा, दीपक
खजूरिया की पहले ही बकरवालों से कई झड़पें हो चुकी थीं। इसके अलावा जाँच में यह
पाया गया कि एक विशेष समुदाय मे यह सामान्य समझ बनी है कि बकरवाल गाय की हत्या और
ड्रग ट्रैफ़िकिंग करते हैं उर उनके बच्चे ड्रग एडिक्ट्स में बदल रहे हैं।
इस इलाक़े में दो समुदायों के बीच की यह
प्रतिद्वंद्विता पहले ही दोनों समुदायों के बीच आसपास के थानों मे कई एफ आई आरों
में परिणत हुई है। इसलिए जाँच के दौरान यह पूरी तरह से साफ़ हो गया कि आरोपी के पास
बकरवाल समुदाय के खिलाफ़ कार्यवाही करने का कारण है और इसलिए अंततः आठ साल की एक मासूम
बच्ची एक मासूम खिलती कली की बर्बर हत्या और बलात्कार का षड्यंत्र रचा गया जो कि
एक छोटी बच्ची होने के कारण सॉफ्ट टार्गेट थी।
जाँच की प्रक्रिया में 130 से अधिक गवाहों के
बयान section 161and 164- A CrPC के तहत दर्ज़ किए गए। सभी गवाहों ने जाँच के क्रम
में ऊपर दिये गए तथ्यों को सही ठहराया। इन सभी गवाहों के बयान चालान में दर्ज़ हैं
जाँच की प्रक्रिया में, नाबालिग आरोपी, विशाल जंगोत्रा और
प्रवेश कुमार की मर्दानगी जाँच (potency
test) कराई गई और वह पॉज़िटिव पाई गई। रिपोर्ट यह स्पष्ट
कर देती है कि नाबालिग सहित सभी आरोपी सेक्सुअल इंटरकोर्स करने में सक्षम हैं।
दीपक खजूरिया के मामले में विशेषज्ञों ने उसके मर्दानगी जाँच के दुबारा परीक्षण की
सलाह दी है जो न्यायालय की अनुमति के बाद कराया जाएगा।
जाँच के दौरान एस आई टी के सदस्य एफ एस एल
विशेषज्ञों, नायाब तहसीलदार, कूता के प्रथम श्रेणी के एक्जीक्यूटिव
मजिस्ट्रेट के साथ पुनः घटनास्थल पर गए और क्राइम सीन को दुबारा कंस्ट्रक्ट किया।
इन जगहों के सूक्ष्म परीक्षण से खून के धब्बे वाली लकड़ी की लाठी और बाल मिले
जिन्हें प्रथम श्रेणी के एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट द्वारा ज़ब्त किया गया और पैक तथा
सील/रिसील किया गया। जाँच के दौरान इनके सील पैकेट एफ एस एल में विवेचना और
रिपोर्ट के लिए भेजे गए। इसके अलावा,
देवीस्थान और और पास के जंगलों से जहाँ लाश को
आरोपियों द्वारा फेंका गया था कुछ बाल मिले जिन्हें डी एन ए प्रोफाइलिंग के लिए नई
दिल्ली के विशेषज्ञों को भेजा गया। विशेषज्ञों की राय के अनुसार देवीस्थान से मिला एक बाल पीड़िता की
डी एन ए प्रोफाइल से मिलता है जिससे यह निश्चित हो गया कि पीड़िता को देवीस्थान मे
बंधक बनाया गया था जिसे केवल सांझी राम ही देखरेख करता है इसलिए इलाक़े का कोई और
व्यक्ति शक़ के दायरे से बाहर है।
इसी तरह विशेषज्ञों की राय के अनुसार लाश जहाँ
पाई गई है वहाँ से मिले बाल नाबालिग आरोपी के डी एन ए से मेल खाते हैं। बावजूद
इसके कि आरोपी पुलिस अधिकारियों एस आई दत्ता और तिलक राज ने मृतका द्वारा पहने गए
कपड़ों को धोकर सारे सबूत मिटाने की भरपूर कोशिश की और एफ एस एल श्रीनगर धुले हुए
कपड़ों के आधार पर कोई राय नहीं बना पाया लेकिन आरोपियों का दुर्भाग्य कि एफ एस एल
दिल्ली उच्चतर तकनीक से पीड़िता के फ्रॉक-सलवार पर खून के निशान स्थापित करने में
सफल रहा जो पीड़िता के खून से मिलते हैं। डीएनए प्रोफाइलिंग ने यह भी स्थापित
किया कि योनि के धब्बों में भी पीड़िता का ख़ून था। जाँच के दौरान एफ एस एल को भेजे
गए विभिन्न प्रदर्शित वस्तुओं पर राय प्राप्त की जा चुकी है। इसके अलावा मृतका की
पोस्ट मार्टम रिपोर्ट भी हासिल कर ली गई है। विशेषज्ञों द्वारा दी गई राय के बल पर
यह नियत हो चुका है कि मृतका की योनि पर हाइमन अक्षत नही पाई गई और योनि भी
क्षत-विक्षत पाई गई, इसके अलावा मृतका की योनि के भीतर ख़ून के धब्बों
वाले डिस्चार्ज भी पाये गए।
मेडिकल विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार प्राइमा
फेसी पीड़िता हत्या के पहले बलत्कृत हुई। इसके अलावा इस मामले मे जाँच ने स्थापित
कर दिया है कि पीड़िता का बलात्कार समान उद्देश्य से एकाधिक आरोपियों द्वारा किया
गया। तदननुरूप इस मामले में धारा 376-D
RPC जोड़ी गई है। चिकित्सकीय राय यह भी स्थापित करती
है कि पीड़िता को बिना भोजन के रखा गया और सिडेटिव दिये गए और उसके मरने का कारण दम
घुटना था जिससे हृदयाघात हुआ। विशेषज्ञों की राय और पोस्ट मार्टम रिपोर्ट चालान का
हिस्सा हैं।
जाँच के दौरान आरोपी लोगों द्वारा प्रयोग किए गए
मोबाइल फोन की कॉल डिटेल हासिल की गई। प्राप्त की गई कॉल डिटेल रिपोर्ट प्राइमा
फेसी स्थापित करती हैं कि सभी आरोपी सीन ऑफ क्राइम के आसपास ही उपस्थित थे। आरोपी
दीपक खजूरिया की कॉल डिटेल रिपोर्ट बताती है कि वह पीड़िता के अपहरण के बाद एक
सुरेन्द्र कुमार के नियमित संपर्क में था जो दीपक कुमार के साथ पुलिस स्टेशन
हीरानगर मे पदस्थ एस पी ओ है। इससे सुरेन्द्र कुमार की पूछताछ ज़रूरी हो गई
जो बुलाया गया और पूछताछ हुई लेकिन वह दीपक खजूरिया से अपनी टेलीफोन पर चली बातचीत
और उसमें अचानक आई तेज़ी का कोई ठोस और विश्वसनीय कारण नहीं बता सका, इस तथ्य के बावजूद
कि दीपक खजूरिया ने यह खुलासा किया कि उसने सुरेंदर कुमार को 14-01-2018 को देवीस्थान के भीतर बाहर बकरवालों के आवागमन पर नज़र रखने और
देवीस्थान पर बंधक बना कर रखी गई पीड़िता की हालत के बारे मे उसे सूचित करने के लिए
भेजा था। जिस पर सुरेन्द्र कुमार देवीस्थान गया और उसे बकरवालों के आवागमन और
पीड़िता के हालत के बारे मे सूचित किया। इसके अलावा धारा 161CrPC के तहत परीक्षित किए गए कुछ गवाहों ने सुरेंदर कुमार के देवीस्थान के
भीतर और आसपास होने की बात कही है। इस आधार पर सुरेंदर कुमार को गिरफ्तार कर लिया
गया और वर्तमान मे वह न्यायिक हिरासत में है। इस केस मे उसके शामिल होने के बारे
मे आगे जाँच चल रही है जिसमें नार्को एनालिसिस भी संभव है जिसकी अनुमति उससे पहले
ही ली जा चुकी है।
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जाँच के दौरान यह सामने आया कि आरोपी विशाल
जंगोत्रा ने जो आकांक्षा कॉलेज मीरापुर उत्तर प्रदेश में बी एस सी (कृषि) का छात्र
है और जिसने पीड़िता के बलात्कार और हत्या में सक्रियता पूर्वक हिस्सा लिया है ने
अपने पिता (सांझी राम) और किशोर वल्द प्रेम नाथ (उसका रिश्तेदार) हाल मुकाम
चानमोरियाँ, हीरानगर , आर पी सिंह, चेयरमैन, आकांक्षा कॉलेज, मीरापुर उत्तर
प्रदेश और चौधरी चरण सिंह विश्वाविद्यालय मेरठ के कुछ कर्मचारियों, जिन्होने जाँच के
दौरान मिले प्रमाणों के अनुसार आरोपी सांझीराम से मोटी रक़म वसूली है, की सहायता से
दस्तावेज़ों की हेराफेरी करके और झूठे सबूत पैदा करके वहाँ उपस्थित न होने के
बहाने बनाने की कोशिश की। इस मामले की और जाँच की ज़रूरत है क्योंकि संबद्ध कॉलेज/
यूनीवर्सिटी से दस्तावेज़ हासिल किए जाने हैं और कुछ दस्तावेज़ों के संबंध में एफ एस
एल से विशेषज्ञ राय की प्रतीक्षा है। इसके अलावा खतोली के जिस परीक्षा केंद्र पर
आरोपी ने परीक्षा मे शामिल होने का दावा किया है वहाँ का डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर
भी ज़ब्त कर लिया गया है और फोरेंसिक जाँच तथा विशेषज्ञों की राय के लिए भेज दिया
गया है। आगे और जाँच करने के बाद सप्लीमेंट्री चार्ज शीट पेश की जाएगी।
जाँच के दौरान जो कुछ बाहर आया उससे यह अनिवार्य
रूप से निष्कर्ष निकलता है कि आरोपी Sanji Ram S/o Des Raj R/o Village Rasana, Hiranagar, Shubam Sangra @
Chuboo S/o Om Parkash Sangra R/o Ward No. 10, Hiranagar A/o Village- Rasana
Hiranagar; Deepak Khajuria @ Deepu S/o Updesh Khajuria R/o Dhamiyal
Hiranagar;;Parvesh Kumar @ Mannu S/o Ashok Kumar R/o Village -Rasana,
Hiranagar; Vishal Jangotra s/o Sanji Ram R/oi Rasana, Hiranagar;;Tilak Raj S/o
Amir Chand R/o Dhamiyal, Hiranagar;Anand Dutta S/o Shanti Swaroop Dutta R/o
Village Dharmal P/o Muthi, District Jammu and Surinder Kumar S/o Sain Das R/o
Satura, Hiranagar ने निश्चित रूप से
धारा 363/343/376-D/302/201 r/w
120-B RPC के तहत अपराध किया है. इसी अनुसार उपरोक्त
आरोपियों के संदर्भ में चार्जशीट माननीय उच्च न्यायालय में Juvenile Justice (Care and Protection) Act
के तहत पेश की जा रही है।
Sr. Superintendent of Police,
SHO P/S Crime Branch,
Jammu.
SHO P/S Crime Branch,
Jammu.
अनुवाद:अशोक कुमार पाण्डेय
(अनुवाद मीडिया विजिल से साभार)
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