आरएसएस से जुडी दो टिप्पणीया यहाँ हम जोड़ रहे हैं। पहली में काँग्रेस और आरएसएस से जुडी एक महत्त्वपूर्ण जानकारी हैं। जिसके बारे में यहा और ज्यादा कहनेो की जरुरत नही। पाठक उसे पढ़कर खुद तय कर सकते हैं। तो दुसरी खबर मराठी पिछले साल मराठी अखबार लोकसत्ता में छपी थी। जो मूलत: मराठी में हैं।
इस खबर की माने ते आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत चरमपंथी हैं। और उन्होंने देश में कई बॉम्बस्फोट किये हैं। यह कहना हैं, आरएसएस के पूर्व स्वयंसेवक रह चुके विजय रेड्डी का हैं।
पहली टिप्पणी लोकमत नामी मराठी अखबरा में छपी थी। जिसका हिंदी संस्करण लोकमत समाचार मेें उसे हिंदी में प्रकाशित किया हैं। जबकी लोकसत्ता के खबर का हिंदी अनुवाद हम यहा दे रहे हैं। सबसे पहले हरीश गुप्ता की टिप्पणी...
ऐसा लगता हैं कि काँग्रेस और आरएसएस-भाजपा के बीच चार दशक पुरानी ‘संधि’ रद्द होने के कगार पर है। 80 के दशक में आरएसएस के शीर्ष नेताओं और स्वर्गीय राजीव गांधी के बीच ‘गुप्त समझौता’ हुआ था। ये वार्ता इंदिरा गांधी के कहने पर शुरू की गई थी जो पंजाब में आतंकवाद से लड़ रही थीं। लेकिन यह राजीव गांधी ही थे जिन्होंने इंदिराजी की हत्या के बाद इसे मूर्तरूप दिया था।
राजीव गांधी पार्टी नेता के रूप में इन वार्ताओं का हिस्सा थे। ‘गुप्त संधि’ में अपेक्षा व्यक्त की गई थी कि दोनों राजनीतिक समूह अपनी-अपनी राजनीतिक राह पर चलने के लिए स्वतंत्र होंगे और एक दूसरे के खिलाफ कोई दमनकारी कार्रवाई नहीं करेंगे, न ही कोई व्यक्तिगत हमला करेंगे।
राजीव गांधी ने बालासाहब देवरस और भाऊराव देवरस से कई बार मुलाकात की थी और उनकी सरकार का ' सॉफ्ट हिंदुत्व ' दृष्टिकोण इन वार्ताओं का ही नतीजा था।
यह स्क्रिप्ट अब टूट रही है और संधि की धज्जियां उड़ रही हैं. यह सब राफेल सौदे पर राहुल गांधी के पीएम मोदी के खिलाफ ‘चौकीदार चोर है’ अभियान के साथ शुरु हुआ। मोदी सरकार ने वाड्रा, नेशनल हेराल्ड इत्यादि के खिलाफ जांच शुरू की।
लेकिन जल्दी ही कड़ी दीवारों के भी कान होते हैं कार्रवाई को रोक दिया। हालांकि, गांधी वंश के वारिस ने मई 2019 में मोदी के सत्ता में वापस आने के बाद भी रोज एक ट्वीट करते हुए मोदी पर तीखा प्रहार जारी रखा। इससे क्षुब्ध होकर ‘परिवार’ के लिए एसपीजी कवर वापस ले लिया गया और गांधी परिवार के ट्रस्टों की जांच के लिए अमित शाह द्वारा एक उच्चस्तरीय अंतर-मंत्रालयीन जांच समिति गठित की गई।
मोदी ने कथित रूप से आरएसएस के शीर्ष नेताओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की जब ये दो हफ्ते पहले जे.पी. नड्डा और अन्य के साथ उनके आवास पर मिले थे। इस कड़वे अध्याय के परिणाम का इंतजार करना होगा।
(आरएसएस-काँग्रेस गुप्त संधि की स्क्रिप्ट टूटी, हरीष गुप्ता, लोकमत समाचार, 17 जुलाई 2020)
लोकसत्ता की खबर का हिंदी अनुवाद :
मोहन भागवत के नेतृत्व में मैंने कई विस्फोट किए !
प्रतिनिधी नागपूर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यह दहशतवादी संघटन है। आरएसएस के तत्कालीन सरकार्यवाह डॉ. मोहन भागवत के नेतृत्व मैं अनेक बॉम्ब स्फोट में मैं शामिल था। आरएसएस ने अब तक कई चरमपंथीयों को जन्म दिया है। देशभक्ति के नाम पर और आरएसएस के निर्देश पर मेरे हाथों कई लोगों की हत्या हुई है। यह विस्फोटक खुलासा आंध्रप्रदेश के संघ के पूर्व प्रचारक पी. विजय शंकर रेड्डी ने आयोजित पत्रकार परिषद में किया है।
8 अक्टूबर को नागपुर के मराठी समाचारपत्र ‘लोकसत्ता’ में छपी खबर के आधार पर यह खबर है। विजय शंकर की बातों का मराठी में अनुवाद भारत वाघमारे ने किया है। उनके अनुसार विजय शंकर ने कहा की मैंने 12 सालो तक संघ प्रचारक के रूप में काम किया है। इस दौरान कई अनुचित घटनाएं हुई। जो गलत थी इसका मुझे पता चला और मैंने संघ को अलविदा कहा। बॉम्बस्फोट जैसे कृत्य आरएसएस ने किए है और उसका मैं भी एक भाग था। इसके मेरे पास सभी सबूत है।
आरएसएस ने मुझपर दो बार जानलेवा हमला किया है। आरएसएस का काला चेहरा सामने लाने के लिए ‘मै देशभक्त के नाम पर आरएसएस के काले कारनामे’ के नाम से किताब भी निकाली है। आरएसएस का काम असहनीय होने की वजह से कुछ ने जहर पीकर तो कुछ ने आत्महत्या भी की है। ऐसे निराश हुए अनेक प्रचारक मेरे संपर्क में है। ऐसे में सभी को लेकर में दिल्ली में संघ के बड़े नेताओ के नाम का खुलासा करने की बात भी विजय शंकर ने बताई है। विजय शंकर ने कहा है इस सन्दर्भ में मैं सरसंघचालक के साथ आमने सामने चर्चा करने को भी तैयार हूँ।
मूल खबर :
मोहन भागवत यांच्या नेतृत्वात मी अनेक बॉम्बस्फोट घडवले !
Written by लोकसत्ता टीम
October 8, 2019 2:56:21 am
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही दहशतवादी संघटना आहे. संघाचे तत्कालीन सरकार्यवाह डॉ. मोहन भागवत यांच्या नेतृत्वात मी अनेक बॉम्बस्फोटात सहभागी होतो. संघाने आजवर अनेक अतिरेक्यांना जन्म दिला आहे. देशभक्तीच्या नावावर आणि संघाच्या निर्देशानुसार माझ्या हाताने अनेकांचा बळी गेला, असा खळबळजनक खुलासा आंध्रप्रदेशातील संघाचे माजी प्रचारक पी. विजय शंकर रेड्डी यांनी आज सोमवारी पत्रकार परिषदेत केला.
विजय शंकर यांच्या वक्तव्याचा मराठीत अनुवाद भारत वाघमारे यांनी केला. विजय शंकर म्हणले, मी बारा वर्षे संघाचा प्रचारक म्हणून काम केले. यादरम्यान अनेक अनुचित गोष्टी घडल्या. ज्या चुकीच्या होत्या याची जाणीव मला झाली आणि मी संघाला रामराम ठोकला. बॉम्बस्फोटासारखे कृत्य संघाने केले असून मी देखील त्याचा एक भाग होतो. माझ्याजवळ या संदर्भातील सर्व पुरावे आहेत. संघाने माझ्यावर दोनवेळा प्राणघातक हल्ला केला आहे. संघाचा काळा चेहरा समोर आणण्यासाठी मी ‘मी देशभक्त के नाम पर आरएसएसके काले कारनामे’ हे पुस्तक काढले आहे. संघाचे काम असहाय्य झाल्याने काहींनी विष घेऊन तर काहींनी गळफास घेऊन आत्महत्या देखील केली आहे. असे निराश झालेले अनेक प्रचारक माझ्या संपर्कात आहेत. अशांना घेऊन मी लवकरच दिल्ली येथे संघातील बढय़ा नेत्यांच्या नावांचा खुलासा करणार असल्याचेही विजय शंकर यांनी सांगितले. या संदर्भात मी सरसंघचालक यांच्याशी आमोरा-समोर चर्चा करायला तयार असल्याचेही विजय शंकर यांनी स्पष्ट केले.
साथ में अखबार की कटिंग:
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- कलीम अजीम
- कहने को बहुत हैं, इसलिए बेजुबान नही रह रह सकता. लिखता हूँ क्योंकि वह मेरे अस्तित्व का सवाल बना हैं. अपनी बात मैं खुद नही रखुंगा तो कौन रखेगा? मायग्रेशन और युवाओ के सवाल मुझे अंदर से कचोटते हैं, इसलिए उन्हें बेजुबान होने से रोकता हूँ. मुस्लिमों कि समस्या मेरे मुझे अपना आईना लगती हैं, जिसे मैं रोज टुकडे बनते देखता हूँ. Contact : kalimazim2@gmail.com